Unfu*k Yourself Book Summary In Hindi | Gary John Bishop | “सोच” जो आपके दिमाग को सड़ा रही है |

क्या आपको पता है, की आपके दिमाग में  एक दिन में लगभग 50,000 विचार आते है ?

जो आपने कल सोचा था वही आज सोच रहे हो , ऐसे विचार जिसका आपके जीवन से कोई लेना देना नहीं है, उन्ही को सोच सोच कर अपना जीवन बिलकुल बदतर बनाते जा रहे हो |speakingkitaab.com

हर साल के शुरुआत में हम कुछ goal बनाते है, और फिर अपने आप से बोलते है की में साल के अंत में ये काम कर लूँगा |

लेकिन समय के साथ हम कुछ चिंताओं और परेशानियों में पड़ जाते है, जो की आना लाज़मी है, और इसके चक्कर में जो हमने साल के शुरुआत में बोला था वो भूल जाते है |

और फिर उसको करना छोड़ देते है, हमने छोड़ इसलिए दिया क्योंकि हमने शुरुआत ही गलत की थी, कभी भी अपने आप से ये मत बोलो की में कर लूँगा, बल्कि ये बोलो, में आज करूँगा |

देखिये goal बनाना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन सिर्फ goal पर ध्यान देना गलत है, goal पर ध्यान देने की बजाय आप अपने रोज़ के कार्य पर ध्यान दो |

ये सिर्फ एक उदाहरण है, ना जाने ऐसे ही हम दिन में कितनी बार अपने आप से गलत बात बोल बोल कर अपने आप में गलत मसिकता उत्त्पन्न कर लेते है |

निचे दिए गए 7 वाक्यों को अपने आप से रोज़ बोलो, आपका जीवन को देखने का नजरिया बदल जायेगा | आप जो अपने जीवन की खुद ही बर्बादी कर रहे हो उससे बच जाओगे |


1. मैं चाहता हूँ या नहीं ? 

मैं ये नौकरी छोड़ना चाहता हूँ लेकिन….मैं सिंगिंग करना चाहता हूँ लेकिन…मैं उस लड़की को पसंद करता हूँ और उससे कहना भी चाहता हूँ लेकिन….

और भी ना जाने आपके जीवन में कितने लेकिन यंहा वंहा घूम रहे है, आपको वही काम करने के लिए प्रेरित कर रहे है जो आप असल में नहीं करना चाहते हो |

“लेकिन” शब्द लगा कर आप ये जताना चाहते हो, और अपने आप से बोलते हो की “देख भाई में करना तो चाहता हूँ लेकिन ( रिक्त स्थान को खुद भरें ), इसलिए में नहीं कर पा रहा हूँ” |

जो भी आपने रिक्त स्थान में भरा है, सब बहानेबाजी है, शायद आपको बुरा लग गया होगा लेकिन ये सच है, आप अपने आप से बस ये पूछिये की क्या आप ये काम करना चाहते हो अगर उतर मिले हाँ तो बस बाकी सारी बातें आपने इसलिए कही है क्योंकि आप सिर्फ अपने comfort zone में रहना चाहते हो |

जैसे की अगर आप सोचें की मुझे विराट कोहली जैसा अच्छा खिलाडी बनना है तो क्या आप उतनी मेहनत कर सकते हो, रोज़ 10-10 घटें काम कर सकते हो, ये सब बातों को सोच कर बोलो अपने आप से की, में क्या चाहता हूँ और क्या नहीं |

याद रखिये आपके शब्द में बहुत ज्यादा शक्ति है, आप जो अपने आप से कहते हो वही सोचते हो और जो सोचते हो वही करते हो, इसलिए बहानेबाजी करना छोडो |

हर काम में अपने आप से बस इतना सा पूछिये क्या में ये काम करा चाहता हूँ की नहीं चाहता हूँ |

कोई लोग बोलते है भाई मुझे कोई बड़ी और महंगी गाडी नहीं चाहिए, लेकिन जब

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कोई BMW, Audi, या और कोई  गाडी देखते तो बोलते है, अगर ये मेरे पास होती तो कितना अच्छा होता |

इसलिए ध्यान से सोचिये की जो आप क्या चाहते हो और क्या नहीं, जो चाहिए उसको अपने अन्दर दबा के ना रखें, इसी वाक्य से आपका  purpose साफ़ हो जायेगा की आपको अपने जीवन में क्या करना है और क्या नहीं करना है |

2. मैं जीतने के लिए बना हूँ  

अगर में ये कहूँ की आप हमेशा जीते हो कभी हारे नहीं हो तो ?

आप सोचोगे की यार कितनी बार तो हारा हूँ, कितनी बार एग्जाम में फ़ैल हुआ, कितनी बार इंटरव्यू में फ़ैल हुआ, कितनी बार लोगो ने नहीं अपनाया, है ना |

आपने ये जरुर सुना होगा “जो आप सोचते हो वही बन जाते हो” क्या ये सही है? नहीं, आपकी सोच और आपके कार्य आपस में एक जैसे होने चाहिए सिर्फ सोचने से आप कुछ नहीं बनते हो |

आपका जीवन जीतने के लिए बना है, आप चुनते हो आप जीत जाते हो, जिसे आप हार कह रहे हो वो इसलिए हुआ क्योंकि आपने सिर्फ एग्जाम में पास होने का सोचा लेकिन उसके लिए कार्य आपकी सोच से अलग था या कम था |speakingkitaab.com

व्यस्त रहने में और उत्पाद करने में अंतर होता है, आज मैंने 10 घंटे काम किया लेकिन क्या सच में आपने 10 घंटे काम किया ? शायद नहीं |

आप बने ही हो जीतने के लिए, हारने के लिए नहीं….अपने आप से रोज़ ये बोले की में जीतने के लिए बना हूँ |

टालमटोल करने की आदत को अभी छोड़ दो, बैठ कर घंटो सोचने से नहीं बल्कि कार्य करने से आप सफल होंगे, इसलिए अभी उठ जाओ और काम करना शुरू कर दो, अपनी सोच और कार्य को एक जैसा बना दो |

3.  मैं समझ गया

घर में पत्नी से लड़ाई हुई, फिर ऑफिस में टेबल पर कॉफ़ी गिर गयी, फिर हाथ से पानी गिर गया, फिर कार की चाबी ऑफिस में छुट गयी, फिर जल्दी-जल्दी में जेब से पर्स गिर गया…एक के बाद दूसरी मुशीबत, एक मुशीबत दूसरी पर असर डाल रही है |

470 बीसी में सुकरात ने बोला था की ऐसी कोई भी मुशीबत नहीं है जो आपके साथ हुई है और वो पहले किसी और के साथ नहीं हुई हो और उसका हल पहले ना ढूंडा गया हो |speakingkitaab.com

याद रखो आपके जीवन में कोई भी नई मुशीबत या परेशानी नहीं होने वाली सब पहले हो चूका है,  आप किसी बात पर किसी दिन बहुत गुस्सा करता हो और कुछ दिन या महीनो बाद आप उस बात को सोच कर हँसते हो की मैं कैसी छोटी सी बात पर परेशान हो गया था |

अपनी परेशानी को एक एक कर के हल करो, एक परेशनी का भार दूसरी पर मात डालो, दुनिया में कुछ भी स्थिर नहीं है आपकी परेशानी भी नहीं |

आज जिस बात पर परेशान हो उस बात के  कल कोई भी मायने नहीं होंगे, भविष्य के बारे में सोचो अभी बहुत सी चीजो का आना बाकी है |

छोटी छोटी बातों पर परेशान होने के लिए ज़िन्दगी बहुत कम है | अपने आप से बोलो की “मैं समझ गया” |

4. मै अनिश्चितता को मान लेता हूँ 

हमे निश्चितता की लत लग गयी है, जो भी हम करते है उसके लिए परिणाम हमेशा हमारी सोच के अनुसार ही आने चाहिए , और अगर परिणाम हमारी सोच से थोड़े भी अलग होते है तो हम दुखी होकर काम को छोड़ देते है |

इस दुनिया में निश्चित कुछ भी नहीं, किसी भी चीज की guarantee नहीं है, लेकिन हमे सिर्फ हमारे दिमाग के अनुसार ही दुनिया दिखाई देती है |

उदाहरण के लिए, कोई business शुरू किया तो सफलता मिलनी ही चाहिए, एग्जाम दिया है तो पास होना ही चाहिए, निवेश किया है तो लाभ ही होना चाहिए, इंटरव्यू दिया है तो clear होना ही चाहिए…

लेकिन जब आप अपने आप से ये बोलते हो की जीवन में कुछ भी निश्चित नहीं है, जरुरी नहीं है की जैसा मैंने सोचा था परिणाम हमेशा वैसा ही मिलेगा, तब आप जिंदगी को एक नय नजरिये से देखने लगते है |

तब आप जीवन में failure और सफलता का समान तरीके से सामना करते हो और ये मान लेते हो की जिंदगी हमेशा मेरी सोच के हिसाब से ही नहीं चलेगी |

5. मै वो नहीं जो सोचता हूँ, मैं वो हूँ जो करता हूँ 

कोई भी इंसान जब किसी व्यक्ति से प्रभावित होता है तो वो एक ना एक बारी अपने मन में ये बात जरुर कहता है की मुझे उस व्यक्ति की तरह बनना है |

लेकिन क्या मात्र कह देने से वो उस महान व्यक्ति की तरह बन जायेगा, उतर होगा नहीं, उसको उस मुकाम तक पहुँचने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी, काम करना होगा तब जाकर वो उसकी तरह बन पायेगा |

इसका मतलब हमे हमारी सोच नहीं बल्कि हमारे कार्य परिभाषित करते है |

लेकिन जब आप अपने आप को एक failure और नकारा सोचते हो, तो क्या आप वैसे बन जाते हो ? उतर फिर वही होगा बिलकुल नहीं, तो फिर आप अपने आप को क्यूँ एक failure और नकारा सोच कर एक असल नकारा मान लेते हो ?speakingkitaab.com

आप failure नहीं हो, आम नकारा नहीं हो, आप बदसूरत नहीं हो, अपनी जिंदगी में पड़े पड़े किसी ऐसे जादूगर या motivation स्पीकर का इन्तेजार मत करो जो आपको मोटीवेट करेगा तब जाकर आप कोई भी काम करोगे, अभी उठ जाओ और काम करना शुरू कर दो |

याद रखो जो जितना ज्यादा सफल है उसने उतनी ही ज्यादा असफलताएं देखी है |

 

हम काम करने से बदलाव लाते है ना की बस सोचने से, आपके सोचने मात्र से ना तो आप असफल बनोगे और ना ही सफल |

6. मैं कठोर हूँ

राईट brothers से पहले किसी ने हवाई जहाज नहीं बनाया था, ऑस्ट्रिया में अर्नाल्ड से पहले कोई भी बॉडी बिल्डर नहीं था जिसने ओलम्पिया जीता हो, थॉमस अल्वा से पहले किसी ने बल्ब नहीं बनाया था |

हर काम सबसे पहले, पहली बार ही होता है, आप भी शायद कोई ऐसा काम करने की सोच रहे हो जिसको आपके परिवार, मोहल्ले, शहर, देश, या दुनिया में किसी ने किया हो, तो क्या आप उसे नहीं करोगे ?

बिना दर्द, दूरदर्शी सोच, और कठिन परिश्रम के किसी ने भी कोई महान काम नहीं किआ, आपको भी अगर अपने जीवन में कुछ भी चीज पानी है तो कठिन परिश्रम और लगातार काम करना होगा |speakingkitaab.com

अपनी नकारत्मक सोच को कह दो की में वो हूँ जो करता हूँ ना की वो जो सोचता हूँ, हर रोज़ थोडा थोडा काम करो, रोज़ अपने goal की तरफ चलो, अपने आप से कहो में कठोर हूँ |

मुझे कोई भी नहीं तोड़ सकता है, ना लोगो की बातें और ना ही रिजेक्शन क्योंकि अब में अनिश्चितता का गुलाम नहीं,  में क्या चाहता हूँ मुझे पता है, में समझ गया हूँ, में जीतने के लिए बना हूँ |

7.  मैं किसी से उम्मीद नहीं रखता, लेकिन हर चीज को अपनाता हूँ 

दुःख का सबसे बड़ा कारण लोगो या दुनिया से उम्मीद है,  देखिये किसी से आशा रखना या किसी पर भरोसा करना कोई गलत बात नहीं लेकिन जब ह्म्मारी ख़ुशी किसी के उम्मीद पर चल रही होती है तब दिक्कत आ जाती है |

बिना खुश या शांत रहे सफलता नहीं पाई जा सकती है, इसलिए अपनी ख़ुशी अपने पास रखो, जीवन के हर स्तर और समस्या को अपना लो |speakingkitaab.com

ऐसा करने से अब आप किसी को दोष नहीं दोगे, क्योंकि आप जानते हो की लोग बदल सकते, उनकी बातें बदल सकती है, वो कुछ ऐसा कह सकते है जिसकी उम्मीद हमे नहीं थी |

बैठ कर अपनने हालात को दोष मत दो, लोगो को दोष मत दो, और ना ही अपने आप को दोष दो, आज जो आपके हालात है कल वो आपकी ताकत होगी,  इसलिए हर चीज को अपना कर जीवन को जीना शुरू कर दो |


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निष्कर्ष 

इस किताब से इन सात बातों सिखा

  1. मुझे पता होना चाहिए की मुझे क्या चाहिए और क्या नहीं 
  2. में जीतने के लिए बना हूँ, और हमेशा जीता हूँ 
  3. मैं समझ गया हूँ 
  4. जीवन में अनिश्चितता है, किसी भी चीज की गारंटी नहीं है 
  5. मेरी सोच मुझे परिभाषित नहीं बल्कि मेरे कार्य करेंगे 
  6. में कठोर, टस से मस नहीं होने वाला, और अपने कार्य पर अडिग हूँ 
  7. मुझे किसी से उम्मीद नहीं है, और जीवन का दिया हुआ सब मंजूर है 

ये सारी बातें मेने आपको Unfu*k Yourself से बताई है जिसको Gary John Bishop ने लिखा है |

आशा करता हूँ आपको इस किताब की summary पसंद आई होगी…अगर हाँ तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें |

धन्यावाद !


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