किताब के बारे में
Table of Contents
the rudest book ever Shwetabh Gangwar ने लिखी है जो अपना एक youtube चैनल भी चलाते है |
जब हम 17 या 18 साल के होते है तब हमे cool या फिल्म hero बनना होता है हम बहुत सी विचार धाराओं को follow करते है, हमारे बहुत से ideal बन जाते है जिनके लिए हम लड़ सकते है, मर सकते है, किसी का सर फोड़ सकते है, इस सब के बीच हम एक बहुत important इंसान को भूल जाते है जो है “खुद तुम” और फिर इन सब चीजों से लड़कर हम वापस अपने आप तक केसे बहुंचे ये किताब हमे बताती है
इसलिए इस किताब का नाम है the rudest book ever , क्योंकि ये उन चीजों को प्रश्न| करेगी जो आपकी life में से करीबी है और शायद आप कहें हम नहीं मानना चाहते इन चीजो को, ये तो बहुत ही offensive लग रहा है |
तो चजिये शुरू करते है the rudest book ever किताब की summary |
आप एक product हो
जेसे आपके घर में fridge,टीवी ,washing मशीन और भी बहुत सरे product है वैसे ही आप भी एक product हो, जिससे काफी सारी उमीदें जुडी हुई है, जेसे की आप पढाई करेंगे,पैसे कमाएंगे, जीवन में कामयाब हो जायेंगे, बहुत बड़ा इंसान बनेगे, शादी करेंगे और भी पता नहीं क्या क्या |
जिसे बचपन से उनके माता-पिता बस ये तो सिखाते है की क्या सोचना है, जेसे की तुम्हे क्लास में फर्स्ट आना है, बहुत सारे पैसे कमाना है, एक अच्छी जॉब लेनी है, एक अच्छी लड़की से शादी करनी है ये करना है वो करना है |
ऐसे सोचने वाले लोग दुनिया में बहुत सरे product produce कर रहे है, जिन्हें बस एक भीड़ में चलाया जाता है, जो सब कर रहे है वही कराया जाता है | उन्हें सोचने नहीं दिया जाता है |
लेकिन हमे ये कभी ये नहीं सिखाया जाता की केसे सोचना है, क्योंकि शायद हमारे माता-पिता को भी नहीं पता होता है की आखिर सोचना केसे है, और उन्हें लगता है की उन्हें सब पता है पूरी दुनिया उन्होंने देखी है |
हमारे सपने तो बहुत होते है लेकिन उनको achieve केसे करना है सोचना केसे है यह किताब हमे बताती है, केसे failure को face करना है, रिजेक्शन को face करना है |
क्या सोचने वाले लोग ( what to think )
जो लोग क्या सोचने वाले होते है, वो ऐसे लोगो और विचार धाराओं और follow करते है जिनमे उन्हें safe और comfortable feel होता है, वो किसी नयी चीज सोचने से डरते है, अलग होने से डरते है, उन्हें भीड़ में होना पसंद होता है, जब भी कोई परेशानी आती है तो वो हमेशा दुसरो के पास जाते है solution के लिए कभी खुद नहीं सोचते है, वो ऐसी हर बात से डरते है जिसे करने से वो अपने समूह या समुदाय से अलग हो जायेंगे |
कैसे सोचने वाले लोग ( how to think )
alien ideas कभी नहीं डरते है, किताबों से, internet से, blog से, या किसी और माध्हयम से मेशा सीखना पसंद करते है, कभी अलग होने से नहीं डरते है, लोगो को follow नहीं बल्कि उनकी किसी अच्छी सोच को follow करते है और उनके लिए कभी लड़ते नहीं है, वो जानते है fail होना normal बात है रिजेक्शन normal बात है ये जीवन का हिस्सा
है |
क्या आप special है?
बचपन में या फिर कभी ना कभी हमने ये जरुर सोचा होगा की कुछ ही लोग special होते है, बचपन में आपके माता-पिता ने आपको कहा होगा की आप special है या फिर ये कहा होगा की आप special नहीं है या फिर कुछ भी नही कहा होगा |
अगर आपको कोई कह दे की आप special है तो आप मान लेते है की आप special है और यदि आपको कोई कह दे की आप special नहीं है तो आप इसको भी सच मान लेते है की आप special नहीं है और फिर आप दुखी हो जाते है |
कोई भी special पैदा नहीं होता है या फिर किसी के कह देने से आप special नहीं बन जाते है, specialness कमाई जाती है, क्योंकि आप सिर्फ किसी के कह देने से special feel करते है तो क्या कल को वो कहेगा आप special नहीं तो आप क्या करेंगे ?
special होना सबको अच्छा लगता है लेकिन specialness आप को खुद कमानी पड़ती है किसी और की दी हुए specialness झूठी specialness होती है |
specialness के लिए आपको लगातार effort करना पड़ता है, दसवीं कक्षा में आपके 95% marks आये थे इसका मतलब ये नहीं की आपके बारहवीं कक्षा में भी उतने ही आयेंगे उसके लिए आपको फिर से उतनी ही महनत करनी होगी जितनी अपने पहले की थी,
और अगर आपके पहले कम marks आये थे इसके मतलब ये नहीं की आप एक loser है और आपके दुबारा से कम marks आयेंगे अगर आप इस बार महनत करेंगे तो marks ज्यादा आयेंगे |
रिजेक्शन
रिजेक्शन जीवन का एक हिस्सा है में फिर से ये बात कहता हूँ की रिजेक्शन बिलकुल normal बात है, ये बात आपको समझनी होगी, क्योंकि उससे पता चलता है की आप कुछ कर रहे है एक जगह ठहरे हुए नहीं हो, रिजेक्शन मतलब यह नहीं होता है की आप एक loser हो |
जब आपको कोई जॉब मिलती है या जब आप क्लास में पास हो जाते हो तो अपने कभी ये कहा है की में कितना किस्मत वाला हूँ मुझे ही हमेशा success मिलती है शायद नहीं, लेकिन जब आप रिजेक्ट हो जाते हो तब आप बोलते हो की मेरी किस्मत कितनी ख़राब है मेरे ही साथ हमेशा एसा होता है में एक failure हूँ |
हम अपने आप को अपनी सोच में सबसे अलग समझते है और सोचते है की कोई अनोखा इंसान इस धरती पर पैदा हो गया है लेकिन एसा नहीं आप जेसे लाखो करोड़ों है इस धरती पर है जो जॉब ढूंड रहे है, बहुत सारा पैसा कमाना चाहते है और success पाना चाहते है |
बचपन में हम किसी लड़की को अपना crush बना लेते है और उसी के बारे में सोचते रहते है और जब वो हमारी तरफ एक बार भी नहीं देखते है बगल से ऐसे चली जाती है जेसे मानो हम वंहा थे है नहीं, तब हमारे दिमाग में यी आवाज़ और तेज़ हो जाती है की शायद मुझमे ही कोई खराबी है, में special नहीं हूँ, जिसकी हमने ऊपर बात करी थी |
जब कोई हमे रिजेक्ट कर देता है तो हम मन में बोलते है की में इसको दिखा दूंगा की इसने कितनी बड़ी भूल करी है में बहुत अमीर बनूँगा और उसको अपने घर का नोकर बनाऊंगा, इसके सामने से कार चलता हुआ जाऊंगा, इससे बड़ा घर ले लूँगा और भी पता नहीं क्या क्या |
फिर तुम पैसा कमाओगे इसलिए की तुम दुसरो को दिखा सको की तुम “खुद” कुछ हो और इन सब के चक्कर ये भूल जाओगे की खुद क्या चाहते हो, तुम्हारी खुद की क्या self satisfaction है, आप हर किसी को कभी भी satisfy नहीं कर सकते हो ये बात आप हमेशा याद रखो |
लोग कैसे होते है?
अगर आपके सामने एक शेर आ जाये तो आप क्या करेंगे? आप वंहा से भागने की कोशिश करेंगे अपने आप को बचाने की कोशिश करेंगे, लेकिन जब आप एक छोटे से puppy को देखोगे तो आप झट से उसे भाग के पकड़ लोगे और उसके साथ खेलोगे | ऐसा क्यों ?
क्योंकि आपको पता है शेर इंसानों को मार सकता है लेकिन puppy नहीं.. लेकिन ये बात आपको पता कहा से चली ?
data से अपने शायद discovery चैनल पर देखा होगा या मूवी में या कही पढ़ा होगा या किसी से सुना होगा, की शेर इंसानों को भी आसानी से मार सकता है, लेकिन लोगो का क्या, लोगो के बारे में data मौजूद है की आखिर लोग केसे होते है?
जो आपको पसंद करते है उनको आप अच्छा कहते हो और जो आपको पसंद नहीं करते है उनको आप बुरा कहते हो, लेकिन जिन्हें आप अच्छा कहते हो, हो सकता है वो दुसरे लोगो के लिए बुरे हो और जिन्हें आप बुरा कहते हो वो दूसरों के लिए अच्छे हो, तो क्या लोग अच्छे,बुरे,धमंडी,आलसी,चोर,सुन्दर,भद्दे,हरामी,बेकार,पागल,complicated,या चालबाज़ आखिर केसे होते है लोग ?
अगर हम लोगो को ऊपर दी गयी किसी category में रखे तो ये सही नहीं होगा क्योंकि सभी लोग अच्छे हो या सभी लोग बेकार हो ऐसा तो हो नहीं सकता, तो इस
लिए author ने सभी लोगो के लिए एक शब्द बताया है, “अजीब”
लोग अजीब होते है एसा बोलने से आप किसी भी इंसान के बारे में कुछ भी पहले से मानसकिता नहीं बना रहे है | कई अच्छे लोग अपने आप को social media पर अजीब कहते है और बुरे लोग भी |
अगर आपके पास किसी इंसान का data मौजूद है ही नहीं तो आप केसे कह सकते हो की वो अच्छा है या बुरा, आपको पसंद करता है या नहीं
जब हम किसी इंसान को देखते है तो पहली नज़र में वो हमे शायद अपने पापा,मम्मी,भाई,बहिन,दोस्त,दुशमन,बेकार,अच्छा,सुन्दर,सेक्सी, या कुछ और लग सकता है, लेकिन जब तब आपके पास उस इंसान का data मौजूद ना हो तब तक आप किसी इन्सान के बारे में पहले से कोई भी मानसिकता ना बनाये, फिर जब आपको बाद में पता चलेगा की अरे जेसा में इसे समझ रहा था वेसा तो ये है ही नहीं और आप निराश हो जाओगे, अपने आप को failure समझोगे |
अगर ऊपर वाला उदाहरण ले तो अपने जिसे अपना crush माना हुआ था, क्या पता जिसे अपने अपना crush माना हुआ था, उसने भी किसी और को अपना crush बना रखा हो, जब तक उसक लड़की का data आपके पास है ही नहीं तो आप केसे बोल सकते हो की वो आपको पसंद करती है की नहीं करती है |
कभी भी, किसी इंसान के first look पर पहले से ही अपनी मानसिकता मत बनाइए, क्या पता पहली मुलाकात में वो आपको अपना real data ना दें आपसे प्यारी प्यारी बात करे, आपके सामने अच्छा बनाने का ढोंग करे, कुछ भी हो सकता है जब तक real data ना मिल जाए, तब तक एक ही बात याद रखे की लोग अजीब होते है |
अगर में current news का उदाहरण दूँ तो corona virus के लिए लोग, किसी एक पूरी जाति या धर्म के लोगो को कसूरवार ठहरा रहे है जबकि उनके पास सब लोगो का data है ही नहीं, कुछ लोगो के data के आधार पर हम सब लोगो को कसूरवार नहीं ठ
हरा सकते है |
अब जब भी कोई आपको बुरा कहे या आपको पसंद ना करे या आपको रिजेक्कट कर दे, तोबस एक ही बात बोलिए और आगे भड जाइये की लोग अजीब होते है
आप एक देश हो
कोई आपको कुछ बोल के चला जाता है और पूरा दिन आप बस यही सोचते रहते हो की आखिर उसने आपको ऐसे कैसे बोल दिय मेने तो उसे कुछ नहीं कहा था, में तो उससे बहुत प्यार से बात करता हूँ फिर वो मुझे क्यों पसंद नहीं करता या करती है |
आपको दुसरो को खुश करने की या ये की दुसरे आपको पसंद करें इतनी पड़ी रहती है की आप खुद को ही भूल जाते हो, जो लोग पुरे दिन में 5 सेकंड भी आपके बारे में नहीं सोचते है आप उन लोगो को खुश करने की कोशिश में पुरे दिन लगे रहते हो, सरे लोग आपको पसंद करे ये सोचना आपका काम नहीं है बल्कि वो तो लोगो का काम है तो आप क्यों सोच रहे हो |
मान लीजिये आप एक इंसान नहीं बल्कि एक पूरा देश है, आपको रिश्तेदार,माता पिता,भाई बहन, या जिनको आप पसंद या प्यार करते हो वो पड़ोसी देश है, अगर आपके रिश्ते आपके पडोशी देशो के साथ अच्छे चलेंगे तो आप भी खुश रहोगे और आपके पडोशी देश भी
बाकि दुसरे सारे लोग दुसरे देश है, और आप यानी आप खुद आपके देश के राष्ट्रपति हो, अपने जो खुद के rule और moral codes बनाये है जिससे आप ये निरणे करते है की कोई कोई चीज आपको करनी है की नहीं करनी है वो आपका सविंधान है और अगर rule तोड़ोगे तो आपको नुकसान होगा |
आपका self control आपकी security force है जो आपके rule को apply करने में मदद करती है, self respect आपके देश का happiness index है जो तभी best होगा जब आपका सविंधान ढंग से काम रह होगा |
आपकी बुरी चाहत या आपके बुरे काम ये सब आतंकवादी है जो आपको बहुत ज्यादा दुखी कर सकते है |
और last लेकिन सबसे ज्यादा important आपका EGO जो opposition पार्टी है, जो बहुत भड़िया भड़िया बातें करता तो है लेकिन कभी आपको best नहीं बनाने देता है
अपने ego को कभी भी अपने best होने के आगे मत आने दो, दुसरे लोगो को भाड़ में जाने दो, आप लोग को बदल नहीं सकते क्योंकि वो आपका काम है ही नहीं तो फिर आप क्यों अपने सविंधान को follow नहीं कर रहे हो |
आप सोचते हो की क्योंकि आप अच्छे हो तो दुसरो को भी अच्छा होना चाहिए, अपने किसी से ढंग से या प्यार से बात की है तो दुसरो को भी ढंग से बात करनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता है क्योंकि लोग अजीब है
The rudest book ever किताब का moral
- खुद में बदलाव करो दुसरो में नहीं क्योंकि दुसरे देशो से आपको मतलब नहीं है
- रिजेक्शन जीवन का हिस्सा है और साधारण सी बात है
- बिना data के पहले से किसी के बारे में कोई भी मानसिकता मत बनाइए
- दुसरो को इतनी आजादी मत दो की वो आपको दुखी कर सके और अगर कर भी दें तो याद रखो लोग अजीब है
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